प्रकरण में फरियादी रामकुमार गौड़ निवासी रेही द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर Triveni Singh बारगाही एवं तत्कालीन यूनियन बैंक मैनेजर पर दिनांक 24.11.2024 को थाना चितरंगी में धारा 420 एवं 120 बी भारतीय दंड संहिता के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था जिस पर पुलिस अधीक्षक महोदय सिंगरौली द्वारा दो ₹2000-2000 का इनाम घोषित किया गया था इस प्रकरण में त्रिवेणी सिंह बारगाही को दिनांक 22 12.2024 को चितरंगी पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर के पूछताछ की गई एवं पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार आधार पर त्रिवेणी सिंह बारगाही डॉक्टर प्रसाद शुक्ला की फर्म शुक्ला आयरन में वर्ष 2022 में सेल्समेन का काम करता था जिसका खाता यूनियन बैंक में देवसर में है , *
*ऐसे करता था फ्रॉड*
तत्कालीन यूनियन बैंक मैनेजर राशिद खान से डॉ प्रसाद शुक्ल का अच्छा मेल मिलाप था एवं बैंक मैनेजर के साथ मिलकर केसीसी लोन कराता था फरियादी रामकुमार गोंड से उसकी जमीन के कागज लिए एवं लूज चेक पर हस्ताक्षर करवा लिए केसीसी प्रकरण तैयार करके उसके मध्यांचल बैंक के खाते में490000 का केसीसी लोन पास कराया अौर लूज चेक से संपूर्ण राशि निकाल करके डॉक्टर प्रसाद शुक्ल द्वारा अपनी फॉर्म शुक्ला आयरन के खाते से ₹100000 राम कुमार के मध्यांचल ग्रामीण बैंक के खाते में ट्रांसफर कर दिए एवं 390000 की राशि का अधिकांश हिस्सा स्वयं शेष राशि त्रिवेणी सिंह बारगाही एवं बैंक मैनेजर को बंदरवाट की ।
विवेचना में आए तथ्यों के आधार पर डॉ प्रसाद शुक्ला निवासी देवसर के द्वारा रामकुमार गोंड के मध्यांचल ग्रामीण बैंक के खाते में अपनी फॉर्म शुक्ला आयरन से ₹100000 ट्रांसफर करने के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं जिसके आधार पर उक्त प्रकरण में डॉक्टर प्रसाद शुक्ला को आरोपी बनाया गया है जिस पर शीघ्र वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
इसी तरह की एक अन्य मामले में इनके डॉ प्रसाद शुक्ल द्वारा गलंदी साकेत का केसीसी लोन 2 लाख का कराया एवं उसे केवल खाते में ₹50000 दिए शेष डेढ़ लाख का फ्रॉड किया डेढ़ लाख रुपए का फ्रॉड किया गया था जो बाद में गलंदी साकेत के द्वारा शिकायत करने पर उसको वापस किया गया है