दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर आज चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान,दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, 8 फरवरी को आएंगे नतीजे..उपचुनाव की तारीखों की घोषणा..
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव और राजनीतिक दखल को लेकर चिंता जताई गई है। नई दिल्ली के जिला चुनाव अधिकारी ने आप नेताओं पर अनुचित दबाव बनाने और सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है। मुख्यमंत्री ने भी मतदाता घोटाले का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है।
चुनाव आयोग :-चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसी के साथ उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु की उन दो विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है, जिनका लंबे समय से इंतजार हो रहा था. बात हो रही है यूपी की मिल्कीपुर और तमिलनाडु की इरोड सीट की. चुनाव आयोग के मुताबिक इन दो सीटों पर 5 फरवरी को उपचुनाव होंगे तो वहीं 8 फरवरी को नतीजे सामने आएंगे. इसी के साथ दिल्ली में आचार संहिता लागू कर दी गई है. विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है.
अंतिम मतदाता सूची जारी हुई
भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी करते हुए बताया कि कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता पंजीकृत हैं. इसमें से 84 लाख 49 हजार 645 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 71 लाख 73 हजार 952 महिला मतदाता हैं.
इससे पहले 4 जनवरी को आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा ने जामनगर हाउस में नई दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर कथित मतदाताओं के नाम हटाए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी. उनके आरोपों को नई दिल्ली जिला निर्वाचन अधिकारी ने निराधार बताया है.
अधिकारियों ने सुरक्षा की मांग की
जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) ने सिलसिलेवार पत्रों में राजनेताओं की ओर से अनुचित दबाव डालने का आरोप लगाया और चुनावी कर्तव्यों के संचालन के लिए सुरक्षा उपाय करने की मांग की। इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में ‘मतदाता घोटाले’ का आरोप लगाया, जहां से आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं।
यह चिंता ऐसे समय में बढ़ रही है जब आप ने मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए जाने का आरोप लगाया है और फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही यह एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है।
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) को संबोधित चार जनवरी के पत्र में डीईओ ने राघव चड्ढा और संजय सिंह सहित आप के वरिष्ठ नेताओं द्वारा 21, 28 और 29 दिसंबर, 2024 और तीन जनवरी, 2025 को डीईओ कार्यालय में किए गए कई दौरों का विवरण दिया।
मुझ पर दबाव बनाने का प्रयास किया
सीईओ को लिखे पत्र में कहा गया है, आम आदमी पार्टी की ओर से आपत्तिकर्ताओं के व्यक्तिगत विवरण और ऐसी अन्य जानकारी मांगकर मुझ पर दबाव बनाने का प्रयास किया गया है, जो नियमित संचालन के दायरे से बाहर है। डीईओ ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के बुलावे के बारे में भी चिंता जताई।
डीईओ ने लिखा, दिल्ली की सीएम मुझे बिना किसी तय एजेंडे के बैठकों के लिए बुला रही हैं और पहले भी बिना किसी पूर्व सूचना के मतदाता सूची के बारे में चर्चा की गई है। स्पष्टता की मांग करते हुए अधिकारी ने पूछा कि क्या औपचारिक एजेंडे के बिना ऐसी बैठकों में भाग लेना अनिवार्य है।
बैठक में भाग लेने का दिया निर्देश
इसके अलावा, जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) सनी के. सिंह ने चार जनवरी को सीएम कार्यालय को लिखे एक अन्य पत्र में इसी तरह की चिंताओं को दोहराया। चार जनवरी को निर्धारित एक जरूरी बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, दोपहर एक बजे आप के कार्यालय से एक वाट्सएप संदेश ने मुझे सीएम द्वारा दोपहर दो बजे बुलाई गई बैठक में भाग लेने का निर्देश दिया।
बैठक का एजेंडा नहीं बताया गया, जिससे मेरे लिए तैयार होकर आना मुश्किल हो गया है। डीएम ने कहा कि वह फील्ड वेरिफिकेशन कार्यों में लगे हुए हैं और साथ ही अनुरोध किया कि भविष्य की बैठकों के एजेंडे को पर्याप्त तैयारी के लिए पहले से साझा किया जाए।
चिंताओं को और बढ़ाते हुए, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) निशांत बोध ने डीईओ कार्यालय में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस हस्तक्षेप की मांग की। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को लिखे पत्र में, बोध ने राजनीतिक प्रतिनिधियों के लगातार दौरे के कारण बढ़ते तनाव का हवाला दिया। पत्र में कहा गया है, हाल ही में, हंगामे और धमकी की कई घटनाएं हुई हैं, जिससे तनाव का माहौल बना है और डीईओ के कर्तव्यों के सुचारु संचालन में बाधा उत्पन्न हुई है।