
नई दिल्ली. खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में देखे जाने से भारत बहुत की नाराज है. भारत ने पन्नू को एक खालिस्तानी आतंकी घोषित कर रखा है. इसके बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों को अमेरिका के सामने उठाता रहेगा. विदेश मंत्रालय का यह बयान खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में कथित तौर पर देखे जाने के बाद आया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हर हफ्ते होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “जब भी कोई भारत विरोधी गतिविधि होती है तो हम अमेरिकी सरकार के सामने इस मामले को उठाते हैं. हम अमेरिकी सरकार के सामने ऐसे मामले उठाते रहेंगे जिनका हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ता है और जिनका भारत विरोधी एजेंडा है.”
पन्नू को ट्रम्प के प्रोग्राम में देखा गया
पन्नू को 20 जनवरी को व्हाइट हाउस लौटे ट्रम्प के आधिकारिक शपथ ग्रहण समारोह के दौरान द लिबर्टी बॉल में देखा गया था. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि खालिस्तानी आतंकवादी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था और उसने किसी संपर्क के जरिये से टिकट खरीदे थे. उस समारोह में मौजूद भीड़ जब ‘यूएसए, यूएसए’ के नारे लगा रही थी, तो पन्नू को खालिस्तान समर्थक नारे लगाते देखा गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर घूम रहा है. वीडियो में सबसे पहले स्टेज पर ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया की ज़ूम फ़ुटेज दिखाई गई और फिर बाईं ओर पैन करके भीड़ को ‘यूएसए, यूएसए’ के नारे लगाते हुए दिखाया गया. जैसे ही कैमरा आगे बढ़ा, पन्नू को भीड़ के बीच देखा गया और उसे ‘खालिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाते हुए सुना गया. बताया जा रहा है कि कथित तौर पर कैमरा उसका अपना था.
एनआईए ने की पन्नू के खिलाफ कार्रवाई
एनआईए ने पन्नू के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का पहला मामला दर्ज किया है. उसने पंजाब और उसके बाहर डर फैलाने की कोशिश की और धमकियां देकर लोगों को डराने की कोशिश की. 3 फरवरी, 2021 को उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए और 29 नवंबर, 2022 को उसे ‘घोषित अपराधी’ घोषित किया गया. एनआईए ने अमृतसर और चंडीगढ़ में उसकी संपत्तियां भी जब्त कर ली हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की मौजूदगी पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने समारोह में पन्नू की मौजूदगी पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि भारत इस मसले को अमेरिका के समक्ष उठाएगा।
ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में पन्नू की मौजूदगी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो के सामने आने के बाद भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है और ऐसे मुद्दों को भारत अमेरिका के समक्ष उठाता रहेगा।
अमेरिका के समक्ष मसले को उठाएगा भारत
मीडिया से बातचीत के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि जब भी कोई भारत विरोधी गतिविधि दिखती है तो हम ऐसे मुद्दों को अमेरिका के समक्ष उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का भारत विरोधी एजेंडा है और जो लोग भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं, उनसे जुड़े मसले को हम अमेरिकी सरकार के सामने उठाते रहेंगे। उन्होंने ट्रंप के शपथ ग्रहण में पन्नू की मौजूदगी को गंभीर मसला बताते हुए इस पर इस मुद्दे पर भारत की ओर से कड़ी आपत्ति जताई।
टिकट खरीद कर समारोह में पहुंचा था पन्नू
डोनाल्ड ट्रंप ने गत 20 जनवरी को दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस शपथ ग्रहण समारोह में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत दुनिया भर के दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया था। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान खालिस्तानी आतंकी पन्नू को भी देखा गया था। जानकार सूत्रों का कहना है कि पन्नू को ही समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था मगर उसने किसी माध्यम से टिकट खरीद कर शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था। पन्नू के पास कनाडा के साथ ही अमेरिका की दोहरी नागरिकता है और वह कनाडा को बेस बनाकर भारत विरोधी गतिविधियां चलाता रहा है।
ट्रंप के शपथ ग्रहण के दौरान मौजूद भीड़ यूएसए-यूएसए का नारा लगा रही थी मगर पन्नू ने इस दौरान खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। सोशल मीडिया पर भारत के लोग इस वीडियो पर पन्नू के खिलाफ जमकर कमेंट कर रहे हैं। इस वायरल वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि समारोह में मौजूद भीड़ यूएसए-यूएसए का नारा लगा रही है। इस दौरान स्टेज पर डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया मौजूद थीं। इस दौरान पन्नू ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। अब भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अमेरिका के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई है।