अमेरिका ने 15 सालों में कितने भारतीयों को डिपोर्ट किया? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में किया खुलासा ..
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निमंत्रण पर पीएम मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा करेंगे..हथकड़ी लगा भारतीयों को भेजे जाने के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर आई नई खबर, जानें विदेश मंत्रालय ने क्या बताया..

नई दिल्ली:- पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निमंत्रण पर पीएम मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल के उद्घाटन के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के उद्घाटन के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करने वाले पहले कुछ विश्व नेताओं में से होंगे और तथ्य यह है कि प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया है। नए प्रशासन के कार्यभार संभालने के बमुश्किल तीन सप्ताह के भीतर अमेरिका की यात्रा करना भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्व को दर्शाता है और यह उस द्विदलीय समर्थन को भी दर्शाता है, जो इस साझेदारी को अमेरिका में प्राप्त है।
7 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार पदभार संभालने के बाद पहली बार उनसे बात की थी। बातचीत के दौरान ट्रम्प ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक शानदार व्यक्ति बताया और कहा कि पूरी दुनिया उनसे प्यार करती है। ट्रम्प ने कहा कि भारत एक शानदार देश है और वह पीएम मोदी और भारत को सच्चा दोस्त मानते हैं। दोनों नेता विश्व शांति के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर 20 जनवरी को ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया और ट्रम्प के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र ले गए थे।
प्रधानमंत्री मोदी और नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई बातचीत ने कई द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों को नई धार दी है। हालांकि इस बातचीत में अवैध अप्रवासियों का मुद्दा सबसे बड़ा चर्चा का विषय बन गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की और उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी। दोनों नेताओं ने व्यापार, तकनीक, निवेश, रक्षा और ऊर्जा संबंधी साझेदारी के आयामों पर चर्चा की। साथ ही यूक्रेन और पश्चिम एशिया जैसे मुद्दों पर भी बात की। दोनों नेताओं ने वैश्विक शांति और सुरक्षा की दिशा में आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता दोहराई और आगे भी संपर्क में रहने की बात कही। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप और मोदी के बीच ये पहली बातचीत है। जिसमें कई अहम मुद्दों पर बात हुई। प्रवासियों को वापस भारत में लेने के मुद्दे पर गहनता से चर्चा हुई।
क्या कहा विदेश सचिव ने?
शुक्रवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विनय मिस्त्री ने कहा, “निर्वासन की प्रक्रिया नई नहीं है। इस पर विदेश मंत्री ने भी कल संसद में जोर दिया था। मैं भारत को एक असहयोगी देश के रूप में वर्णित करने को स्वीकार नहीं करूंगा। दुनिया का कोई भी देश अगर अपने नागरिकों को वापस स्वीकार करना चाहता है तो वह यह आश्वासन चाहेगा कि जो भी वापस आ रहा है वह भारत का नागरिक है, इसके साथ वैधता के मुद्दे जुड़े हुए हैं, इसके साथ सुरक्षा के मुद्दे भी जुड़े हुए हैं। हाल की बातचीत में जब हमने अमेरिका से संभावित लौटने वालों के बारे में विवरण मांगा था। हमें बताया गया है कि 487 अनुमानित भारतीय नागरिक हैं जिनके निष्कासन के अंतिम आदेश हमें दिए गए हैं और 298 व्यक्तियों के संबंध में वे हमें उपलब्ध कराए गए हैं।”
जब विदेश सचिव से भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए अमेरिकी सेना का प्लेन इस्तेमाल होने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “परसों जो निर्वासन हुआ, वह कई वर्षों से हो रही उड़ानों की तुलना में कुछ अलग है और थोड़ी अलग प्रकृति का है।”
अमेरिका जाएंगे PM मोदी
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा सत्ता संभालने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका जाने वाले हैं। 12 और 13 फरवरी को पीएम मोदी अमेरिका में रहेंगे। इस दौरान वो कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी कर सकते हैं। वहीं पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात व्हाइट हाउस में होनी होगी। इससे पहले पीएम दो दिवसीय दौरे पर फ्रांस पर रहेंगे। इस दौरान वो AIसमिट में भी हिस्सा होंगे।
केंद्र सरकार ने बताया कि उन्हें अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि 487 संभावित भारतीय नागरिक हैं जिनके पास अंतिम निष्कासन आदेश हैं। इस बात की जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दी।
दरअसल, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि हमें बताया गया है कि 487 संभावित भारतीय नागरिक हैं, जिनके निष्कासन के अंतिम आदेश हैं। बता दें कि बुधवार को सी-17 अमेरिकी सैन्य विमान में जंजीरों और बेड़ियों से बंधे 104 भारतीय प्रवासियों को वापस भारत भेजा गया।
अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर जैसे ही यूएस का सैन्य विमान अमृतसर में लैंड हुआ, वैसे ही विपक्ष ने संसद में हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने इस घटना पर विदेश मंत्री को जवाब देने की मांग की, जिसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद के दोनों सदनों में जवाब दिया. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका द्वारा की गई ये कार्रवाई कोई नई नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने 15 सालों का डेटा शेयर किया.
विदेश मंत्री ने संसद ने राज्यसभा को बताया कि 2009 से अबतक 15,756 अवैध भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है. मंत्री ने कहा, “अमेरिका द्वारा निर्वासन की प्रक्रिया नई नहीं है. यह वर्षों से चली आ रही है. यह केवल एक देश पर लागू होने वाली नीति नहीं है. हमारा ध्यान अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई पर होना चाहिए. हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे हैं कि निर्वासित लोगों के साथ दुर्व्यवहार न हो.”
एस जयशंकर ने जो आंकड़े शेयर किए थे, उनके अनुसार, अमेरिका ने साल 2019 में सबसे अधिक भारतीयों (2,042) को निर्वासित किया था. इसके बाद 2020 में 1,889 लोगों को निर्वासित किया गया, वह वर्ष जब दुनिया में कोविड-19 महामारी आई थी.
किस साल कितने भारतीयों को अमेरिका ने निकाला?
अमेरिका ने साल 2009 में 734, 2010 में 799, 2011 में 597, 2012 में 530, 2013 में 515, 2014 में 591, 2015 में 708, 2016 में 1303, 2017 में 1024, 2018 में 1180, 2019 में 2042, 2020 में 1889, 2021 में 805, 2022 में 862, 2023 में 617, 2024 में 1368 और 2025 की फरवरी तक 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को निकाला है.
किस-किस राज्य के प्रवासियों को लेकर पहुंचा विमान?
104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमेरिका का सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर में लैंड किया था. यह अवैध भारतीय प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की पहला एक्शन था. इन प्रवासियों में 33-33 हरियाणा और गुजरात से, 30 पंजाब से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से हैं. इनमें से कई प्रवासी लोन लेकर तो कई अपनी जमीन बेचकर अमेरिका पहुंचने के लिए घर से निकले थे.
प्रवासी भारतीयों के साथ व्यवहार पर विपक्ष का हंगामा
अवैध भारतीय प्रवासियों के अमृतसर पहुंचने के बाद सामने आया कि उन्हें अमेरिका से कैसे लाया गया. यूएस बॉर्डर पेट्रोल की ओर से शेयर किए गए एक वीडियो में प्रवासियों को हथकड़ी लगाते हुए और उनके पैरों में बेड़ियां डालकर चलते हुए दिखाया गया है. ऐसा व्यवहार आमतौर पर कठोर अपराधियों के साथ किया जाता है. इस तरीके से भारतीयों को वापस भेजने को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. उन्होंने सरकार से पूछा गया है कि आखिर उन्हें मानवीय तरीके से वापस लाने के लिए विमान क्यों नहीं भेजा गया?