
भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट का दौर जारी है। पिछले 5 कारोबारी दिनों के बाद आज छठे दिन भी लगातार बाजार लाल रंग के निशान पर है और निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है। आज यानी 12 फरवरी 2025 को सुबह बाजार एक बार फिर गिरावट के साथ खुला। दोनों प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) आज लाल रंग के निशान पर खुले। इससे पहले कल यानी 11 फरवरी 2025 को Sensex 1000 पॉइन्ट डाउन होकर बंद हुआ था।
विदेशी पूंजी की लगातार निकासी और व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बीच बुधवार (12 फरवरी 2025) को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 274.56 अंक की गिरावट के साथ 76,019.04 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 78.45 अंक फिसलकर 22,993.35 अंक पर रहा।
शुरुआती सौदों के बाद दोनों में और गिरावट आई और निफ्टी 156.40 अंकों की गिरावट के साथ 23,000 अंक से नीचे 22,915.40 पर आ गया। सेंसेक्स भी 645.04 अंकों की गिरावट के साथ 76,000 अंक के स्तर से नीचे 75,668.97 पर आ गया। बीएसई सेंसेक्स में पिछले पांच सत्र में 2,290.21 अंक या 2.91 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी 667.45 अंक या 2.81 प्रतिशत लुढ़का है।
Sensex पर इन शेयरों को नुकसान-फायदा
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, जोमैटो, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, आईटीसी और अदाणी पोर्ट्स के शेयर में सबसे अधिक गिरावट आई। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर लाभ में रहे।
एशियाई बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहा जबकि जापान का निक्की, हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग तथा दक्षिण कोरिया का कॉस्पी फायदे में रहे। अमेरिकी बाजार मंगलवार को सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76.74 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,486.41 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
शेयर बाजार में बुधवार 12 फरवरी को लगातार छठे दिन गिरावट देखने को मिली। बीते छह दिनों में निवेशकों की संपत्ति में करीब 24 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली, वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका और मिडकैप-स्मॉलकैप शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन जैसी वजहें बाजार पर दबाव बना रही हैं लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या बाजार अब रिकवरी के लिए तैयार है या इसमें और गिरावट देखने को मिलेगी? आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय।
बाजार के ओवरसोल्ड जोन में जाने के संकेत
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार अब ओवरसोल्ड जोन में है और शॉर्ट-टर्म में इसमें उछाल देखने को मिल सकता है। 12 फरवरी को कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 900 अंकों की गिरावट के बाद इंट्राडे में तेजी से रिकवरी की। हालांकि, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 76,000 के नीचे चला गया था और निफ्टी 22,800 के स्तर से नीचे आ गया था।
लार्जकैप शेयरों पर फोकस करने की सलाह
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ. वी. के. विजयकुमार ने निवेशकों को लार्जकैप शेयरों पर फोकस करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “मिडकैप और स्मॉलकैप अभी भी ऊंचे वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं। निवेशकों को लॉर्जकैप स्टॉक्स की ओर शिफ्ट करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि बाजार में शॉर्ट-टर्म में रिकवरी देखने को मिल सकती है लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण यह तेजी सीमित रह सकती है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसे निकाल रहे हैं। 11 फरवरी को उन्होंने शुद्ध रूप से करीब 4,486.41 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। फरवरी में अब तक 17,000 करोड़ रुपए से अधिक की बिकवाली हो चुकी है। जनवरी में भी एफआईआई ने 78,027 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे।
क्या बाजार अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट आनंद जेम्स के अनुसार, निफ्टी ने 23,060 के प्रमुख सपोर्ट स्तर को टेस्ट किया है, जिससे रिकवरी की संभावनाएं बढ़ी हैं। हालांकि, किसी बड़े अपस्विंग की संभावना फिलहाल कम नजर आ रही है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा का कहना है कि निफ्टी 23,200 का स्तर तोड़ चुका है, जिससे बाजार में मजबूती की संभावनाएं कमजोर हो गई हैं। उनके अनुसार, निफ्टी 22,800 तक गिर सकता है।
मेहता इक्विटीज के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे का मानना है कि बाजार की मौजूदा स्थिति नाजुक बनी हुई है। यदि निफ्टी 23,000 अंक से नीचे जाता है, तो गिरावट और तेज हो सकती है।
इसके अलावा, विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक करीब 1 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है। वहीं, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों की धमकियों ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
मार्केट एनालिस्ट्स ने निवेशकों को लार्जकैप शेयरों पर फोकस करने की सलाह दी है
शेयर बाजार में बुधवार 12 फरवरी को लगातार छठवें दिन भारी गिरावट देखी गई। इन 6 दिनों में निवेशकों की संपत्ति में करीब 24 लाख करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है। विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली, ग्लोबल ट्रेड वार की आशंका और मिडकैप-स्मॉलकैप शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन जैसी वजहें बाजार पर दबाव बना रहे हीं। लेकिन असल सवाल ये है कि क्या यहां से अब बाजार में रिकवरी यानी मजबूत वापसी देखने को मिल सकती है? क्या शेयर बाजार पर अब अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है? आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स की राय!
मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि बाजार अब ओवरसोल्ड जोन में है और शॉर्ट-टर्म में इसमें उछाल आ सकता है। आज 12 फरवरी को भी कारोबार के दौरान यही देखने को मिली, जब सेंसेक्स ने करीब 900 अंकों का गोता लगाने के बाद इंट्राडे में तेजी से रिकवरी की। हालांकि शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स गिरकर 76,000 के भी नीचे चला गया था। यहां तक निफ्टी भी 22,800 के नीचे आ गया था।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ वी के विजयकुमार ने निवेशकों को लार्जकैप शेयरों पर फोकस करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “मिड और स्मॉलकैप अभी भी ज्यादा वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं। इसलिए निवेशकों को अब फेयर वैल्यूएशन वाले लॉर्जकैप स्टॉक्स की ओर शिफ्ट करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि बाजार में शॉर्ट-टर्म में रिकवरी देखने को मिल सकती है, लेकिन विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के चलते यह तेजी सीमित रह सकती है।