टॉप न्यूज़दिल्ली NCRदेशराज्य

भारत में गिरफ्तार किया गया अमेरिका का वांछित क्रिप्टो अपराधी एलेक्सेज बेसिओकोव? 83,00,00,00,00,000 रुपये का क्रिप्टो फ्रॉड, अमेरिका का मोस्ट वांटेड अपराधी? CBI ने जाल बिछाकर ऐसे दबोचा…

भारत में मिला वह बेसिओकोव.. 83,00,00,00,00,000 रुपये का क्रिप्टो फ्रॉड, जिसे खोज रहा था अमेरिका...केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के साथ संयुक्त अभियान में केरल पुलिस ने क्रिप्टो किंगपिन एलेक्सेज बेसिओकोव को गिरफ्तार किया है। एलेक्सेज मूलरूप से लिथुआनिया का रहने वाला है और कई मामलों में अमेरिका का वांछित है।

नई दिल्ली (केरल):- केरल पुलिस को क्रिप्टो फ्रॉड मामले में बड़ी सफलता मिली है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के साथ संयुक्त अभियान में केरल पुलिस ने क्रिप्टो किंगपिन एलेक्सेज बेसिओकोव को गिरफ्तार किया है। एलेक्सेज मूलरूप से लिथुआनिया का रहने वाला है और कई मामलों में अमेरिका का वांछित है। आरोपी देश से भागने की योजना बना रहा था। मगर उससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। साल 2022 में अमेरिका ने एलेक्सेज पर प्रतिबंध लगाया था।

बड़े पैमाने पर की क्रिप्टो धोखाधड़ी
एलेक्सेज पर अमेरिका में बड़े पैमाने पर क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी का आरोप है। उसने बिना लाइसेंस क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज गारंटेक्स की स्थापना की थी। लगभग छह वर्षों तक इसका संचालन किया। आरोप के मुताबिक रैनसमवेयर, कंप्यूटर हैकिंग और नशीले पदार्थों से होने वाली आपराधिक कमाई को क्रिप्टो में निवेश के नाम पर एलेक्सेज ने गारंटेक्स के माध्यम से लूटी।

8 लाख करोड़ से भी बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग
यूएस सीक्रेट सर्विस के दस्तावेजों के मुताबिक बेसिओकोव ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठनों के क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में लगभग 96 बिलियन डॉलर (8 लाख करोड़ रुपये से अधिक) की मनी लॉन्ड्रिंग की। गारेंटेक्स को आपराधिक आय के रूप में करोड़ों डॉलर की धनराशि मिली। इसका इस्तेमाल हैकिंग, रैनसमवेयर, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों में किया गया।

इन नियमों का किया उल्लंघन
एलेक्सेज यूनाइटेड स्टेट्स कोड के शीर्षक 18 का उल्लंघन कर मनी लॉन्ड्रिंग, यूएस इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पॉवर्स एक्ट का उल्लंघन और बिना लाइसेंस के मनी सर्विसेज बिजनेस चलाने का आरोपी है। आरोपी के खिलाफ वर्जीनिया के पूर्वी जिला न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। इस मामले में भी उसकी तलाश थी। 2021 से 2024 के बीच ‘गारंटेक्स’ ने ब्लैक बस्ता, प्ले और कॉन्टी रैनसमवेयर समूहों से प्राप्त लाखों अमेरिकी डॉलर की लूट की।

अमेरिका से अनुरोध मिलने पर एक्शन
केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक एलेक्सेज के संबंध में अमेरिका से अनुरोध मिला था। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने प्रत्यर्पण अधिनियम- 1962 के तहत 10 मार्च को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से एक गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया। इसके बाद आईपीसीयू और सीबीआई ने भगोड़े अपराधी एलेक्सेज बेसिओकोव की गिरफ्तारी के लिए केरल पुलिस के साथ समन्वय किया। अब केरल पुलिस उसे पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष पेश करेगी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने केरल पुलिस के साथ मिलकर अमेरिका के मोस्ट वांटेड अपराधी अलेक्सज बेसीकोव को गिरफ्तार किया है।

CBI के अनुसार, बेसीकोव को तिरुवनंतपुरम में गिरफ्तार किया गया जब वह भारत से भागने की योजना बना रहा था।

लिथुआनियाई नागरिक बेसीकोव और रूसी नागरिक अलेक्ज़ेंडर मिरा सर्डा पर आरोप है कि उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी ऑपरेशन का इस्तेमाल करके मादक पदार्थों के तस्करों और आतंकवादी संगठनों की आर्थिक मदद की थी।

अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अनुसार, “कोर्ट दस्तावेजों के मुताबिक 2019 और 2025 के बीच रूसी नागरिक अलेक्ज़ेंडर मिरा सर्डा और लिथुआनियाई नागरिक अलेक्सज बेसीकोव ने गारांटेक्स नामक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का संचालन किया।

अप्रैल 2019 से गारांटेक्स ने कम से कम 96 अरब डॉलर के क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन को प्रोसेस किया। मिरा सर्डा गारांटेक्स के सह-संस्थापक और मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी थे।

जबकि बेसीकोव गारांटेक्स के मुख्य तकनीकी प्रशासक थे और गारांटेक्स के महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्राप्त करने और बनाए रखने के लिए जिम्मेदार थे। वह लेन-देन की समीक्षा और अनुमोदन भी करते थे।”

अलेक्सज बेसीकोव पर आरोप
CBI ने बुधवार को कहा कि बेसीकोव पर आरोप है कि वह अन्य साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर गारांटेक्स नामक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का संचालन कर रहे थे।

अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने कहा, “मिरा और बेसीकोव पर एकाउंटों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने का आरोप है, जिसके लिए उन्हें 20 साल तक की सजा हो सकती है।

इसके अलावा बेसीकोव पर अंतरराष्ट्रीय आर्थिक आपातकालीन शक्तियों के उल्लंघन की साजिश और बिना लाइसेंस के मनी ट्रांसमिटिंग व्यवसाय संचालित करने की साजिश के आरोप भी लगाए गए हैं, जिसमें प्रत्येक आरोप के लिए पांच साल तक की सजा हो सकती है।”

भारत ने किया प्रत्यर्पण का अनुरोध
सीबीआई ने कहा, “अमेरिका के अनुरोध पर विदेश मंत्रालय ने 1962 के प्रत्यर्पण अधिनियम के तहत 10 मार्च को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से इस आरोपी के खिलाफ एक अस्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया था।”

VISHAL LEEL

Sr Media person & Digital creator, Editor, Anchor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!