
मार्क कार्नी कनाडा के लिबरल पार्टी के नेता चुने गए। कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अपने पहले भाषण में ट्रंप पर निशाना साधा। बताते चलें कि ट्रूडो ने जनवरी में ही इस्तीफे का ऐलान कर दिया था। बता दें कि मार्क कार्नी ने भारत और कनाडा के संबंधों पर बात की। मार्क कार्नी ने कहा कि उन्हें अगर मौका मिला तो वे भारत-कनाडा के संबंधों को सुधारेंगे और इसे पटरी पर लाएंगे। कनाडा समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपने व्यापार संबंधों में विविधता लाना चाहता है।
दरअसल, जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर का दबाब है। मार्क कार्नी ने कहा कि भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर हैं। व्यापारिक रिश्तों को लेकर एक साझे मूल्यों की भावना होनी चाहिए। अगर मैं प्रधानमंत्री होता, तो मैं इस मौके का इस्तेमाल करने से नहीं चूकता है।

भारत संग व्यापारिक रिश्ते होंगे मजबूत
कनाडा का पीएम बनने जा रहे 59 वर्षीय कार्नी पहले बैंक ऑफ कनाडा (Bank of Canada) और बैंक ऑफ इंग्लैंड (Bank of England) के प्रमुख रह चुके हैं। वह लिबरल पार्टी के नेतृत्व चुनाव में 85.9% वोट प्राप्त कर ट्रूडो की जगह लेने वाले है।
चुनाव जीतने के पहले ही मार्क कार्नी ने कहा था कि कनाडा अब समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करना चाहता है और भारत के साथ रिश्तों को फिर से बनाने का यह एक अवसर हो सकता है। इस व्यावसायिक संबंध में एक साझा मूल्यों की भावना होनी चाहिए।
भारत के साथ आर्थिक समझ की गहरी जानकारी
कार्नी का कनाडा के आर्थिक और व्यावसायिक मामलों में गहरा अनुभव है। उन्होंने ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट (Brookfield Asset Management) के बोर्ड का नेतृत्व किया है, जिसने भारत के रियल एस्टेट (Real Estate), अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) और इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) सेक्टर में भारी निवेश किया है। हालांकि, उन्होंने जनवरी में इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
कनाडा वीजा और इमीग्रेशन नियमों में दे सकता है ढील
मार्क कार्नी के नेतृत्व में भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की संभावना जताई जा रही है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के टैरिफ प्रतिबंध दोनों देशों को प्रभावित कर रहे हैं। भारत के लिए कनाडा प्रवासियों का एक प्रमुख गंतव्य है इसलिए नई दिल्ली, कनाडा के नए नेतृत्व से वीजा (Visa) और इमीग्रेशन (Immigration) नियमों में ढील की उम्मीद भी कर सकता है।
भारत के साथ व्यापारिक संबंधों पर कार्नी का रुख
चुनाव से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान, कार्नी ने कनाडा पर अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव पर बात की. उन्होंने कहा कि कनाडा को समान विचारधारा वाले देशों के साथ व्यापारिक संबंधों में विविधता लानी होगी. उन्होंने भारत के साथ व्यापारिक अवसरों को दोबारा स्थापित करने पर जोर देते हुए कहा, “वाणिज्यिक संबंधों के मूल में साझा मूल्यों की भावना होनी चाहिए. अगर मैं प्रधानमंत्री बनता हूं, तो मैं भारत के साथ नए संबंध बनाने के अवसर की प्रतीक्षा करूंगा.”
भारत-कनाडा व्यापार और निवेश में संभावनाएं
मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने से भारत को अतिरिक्त लाभ मिल सकता है, क्योंकि वह ओटावा और नई दिल्ली के आर्थिक संबंधों को गहराई से समझते हैं.उनका अर्थशास्त्र और वित्त क्षेत्र में व्यापक अनुभव है,
द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की संभावनाएं
अगर कनाडा भारत के साथ राजनयिक और व्यापारिक संबंधों में सुधार के प्रयास करता है, तो नई दिल्ली इसका स्वागत करेगी. इसके अलावा, कनाडा भारतीय प्रवासियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है, इसलिए भारत कनाडा के नए नेतृत्व से आव्रजन नियमों में संभावित प्रतिबंधों को हटाने, वीजा मानकों को आसान बनाने पर भी चर्चा कर सकता है
भारत-कनाडा के संबंध कब होने लगे थे खराब?
भारत और कनाडा के रिश्ते सितंबर 2023 में खराब हो गए थे, जब ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार का खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या में हाथ था। भारत ने इन आरोपों को निराधार करार दिया था। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। इसके अलावा, ओटावा ने भारत के साथ होने वाले प्रारंभिक व्यापार समझौते (Early Progress Trade Agreement) पर भी रोक लगा दी थी, जिसे 2023 में पूरा किया जाना था।
कनाडा की सत्ताधारी लिबरल पार्टी ने मार्क कार्नी को कनाडा का अगला नेता और प्रधानमंत्री घोषित किया है। पीएम पद का चुनाव जीतते ही मार्क कार्नी ने अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप पर जबरदस्त हमला बोला है। कार्नी, जो पहले बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर रह चुके हैं, ने 85 प्रतिशत से अधिक वोटों के साथ लिबरल पार्टी का नेतृत्व जीता।
‘कनाडा कभी भी अमेरिका का हिस्सा नहीं होगा’
कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के रूप में नामित होने के तुरंत बाद मार्क कार्नी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने संबंधों को लेकर इरादे स्पष्ट कर दिए। कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने के ट्रंप के बयान के जवाब में कार्नी ने कहा, अमेरिका कनाडा नहीं है। कनाडा कभी भी किसी भी तरह, आकार या रूप में अमेरिका का हिस्सा नहीं होगा। मार्क कार्नी ने कहा कि अमेरिका कनाडा के लोगों के संसाधन, जल, जमीन और देश पर कब्जा करना चाहता है। अगर वे सफल हो गए, तो वे हमारी जीवन शैली को नष्ट कर देंगे।
अमेरिका के स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की आलोचना
इस दौरान मार्क कार्नी ने अमेरिका की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की भी आलोचना करते हुए उसे ‘व्यवसाय’ बताया और कनाडा की स्वास्थ्य सेवा को ‘हक’ बताया। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ पर उन्होंने कहा कि कनाडा तब तक पलटवार करेगा जब तक अमेरिका मुक्त और निष्पक्ष व्यापार का वादा नहीं करता।
विपक्षी कंजर्वेटिव नेता पर भी बरसे मार्क कार्नी
इसके अलावा, उन्होंने विपक्षी कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवरे की भी आलोचना की और कहा कि वह केवल बाजार की पूजा करते हैं, जबकि कभी खुद कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया। मार्क कार्नी ने कनाडा की ताकत का जोर देते हुए कहा, ‘हमारी ताकत हमारे लोगों में है, और हम इस संकट से उबरकर और भी मजबूत होंगे।’ उन्होंने अपनी बात खत्म करते हुए भाषण के अंत में कहा- कनाडा अमर रहे।