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टैरिफ पर ट्रंप की रियायत से नहीं पिघले ट्रूडो, अमेरिका के खिलाफ टैरिफ में कनाडा नहीं देगा छूट… 2 अप्रैल तक टैरिफ से छूट:-ट्रंप

टैरिफ पर ट्रंप ने लिया यू-टर्न! मैक्सिको और कनाडा को दी कुछ राहत, अप्रैल तक के लिए टैरिफ टाला.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भी 2 अप्रैल से टैरिफ लगाने की धमकी दी है.

अमेरिकी और कनाडा के बीच जारी टैरिफ जंग के बीट कनाडा ने अमेरिका के छूट के बावजूद टैरिफ मामले में राहत नहीं दी है। कनाडा के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ को एक महीने के लिए स्थगित करने के बावजूद, कनाडा द्वारा अमेरिका के खिलाफ लगाए गए जवाबी टैरिफ अभी भी लागू रहेंगे।


बता दें कि बीते दिनों ट्रंप ने एक महीने के लिए कनाडा और मैक्सिको से आयातित अधिकांश वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ को स्थगित कर दिया था, लेकिन कनाडा के अधिकारी ने पुष्टि की कि उनके जवाबी टैरिफ, जो $30 बिलियन (यूएस$21 बिलियन) के थे, अभी भी प्रभावी रहेंगे। इन टैरिफों में अमेरिकी संतरे के रस, मूंगफली का मक्खन, कॉफी, जूते, सौंदर्य प्रसाधन, मोटरसाइकिल और कुछ कागज उत्पाद शामिल हैं।

कनाडा के प्रीमियर का बयान
कनाडा के ओंटारियो प्रांत के प्रीमियर डग फोर्ड ने कहा कि उनका प्रांत 1.5 मिलियन अमेरिकी उपभोक्ताओं से बिजली पर 25 प्रतिशत अधिक शुल्क लेगा। फोर्ड ने कहा कि जब तक टैरिफ का खतरा जारी रहेगा, ओंटारियो का टैरिफ लागू रहेगा। ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी ने भी कहा कि उनका प्रांत अमेरिकी वाणिज्यिक ट्रकों पर शुल्क लगाने का कानून पेश करेगा।

ट्रूडो का बयान
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कनाडा और अमेरिका व्यापार युद्ध में उलझे रहेंगे। ट्रंप ने यूएसएमसीए व्यापार समझौते का पालन करने वाले कनाडा और मेक्सिको से आयात को एक महीने के लिए टैरिफ से बाहर रखा है, लेकिन कनाडा से आयात किए जाने वाले 62 प्रतिशत उत्पादों पर अभी भी नए टैरिफ लगाए जाएंगे।

ट्रंप ने शुरू किया व्यपार युद्ध
ट्रंप ने मंगलवार को अमेरिका के तीन सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों—कनाडा, मेक्सिको और चीन—के खिलाफ टैरिफ लगाकर एक नया व्यापार युद्ध शुरू किया था, जिसके बाद इन देशों ने जवाबी कार्रवाई की और वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी।

अमेरिका में इन चिजों की आपूर्ति करता है कनाडा
कनाडा, जो अमेरिका को स्टील, एल्युमीनियम और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, ने अमेरिका के खिलाफ तीन सप्ताह में 125 बिलियन डॉलर (87 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की योजना बनाई है। हालांकि ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिका को कनाडा की जरूरत नहीं है, लेकिन कनाडा से अमेरिका को प्रतिदिन खपत होने वाले तेल का एक चौथाई हिस्सा मिलता है, और अमेरिका के कच्चे तेल के आयात का 60 प्रतिशत भी कनाडा से आता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि मेक्सिको से आयातित अधिकांश वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय मैक्सिको के राष्ट्रपति के साथ वार्ता के बाद लिया गया। वहीं, कनाडा को भी 2 अप्रैल तक कुछ वस्तुओं पर टैरिफ नहीं देना होगा। दोनों देशों को यह छूट उन वस्तुओं के लिए दी गई है जो यूनाइटेड स्टेट्स-मेक्सिको कनाडा समझौते के तहत आती हैं। ट्रंप ने गुरुवार को उन कागजातों पर हस्ताक्षर किए, जो मेक्सिको और कनाडा के उन सभी टैरिफ को लगभग एक महीने के लिए टाल देंगे।

अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने पहले ही संकेत दे दिया था कि राष्ट्रपति कुछ टैरिफ में कटौती कर सकते हैं। लुटनिक ने कहा था कि राष्ट्रपति 5 मार्च की शुरुआत में कनाडा और मेक्सिको पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ में से कुछ को कम कर सकते हैं। लुटनिक ने जोर देकर कहा कि पारस्परिक शुल्क, जिसमें अमेरिका उन देशों पर आयात कर लगाता है जो अमेरिकी निर्यात पर शुल्क लगाते हैं, दो अप्रैल से लागू होंगे। लुटनिक के बयान के तुरंत बाद अमेरिकी बाजारों में थोड़ी स्थिरता आई। यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने फरवरी की शुरुआत में आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा के बाद एक महीने की देरी की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भी टैरिफ की धमकी दी है. यह खबर कल देशभर में छाई रही और भी आज भी अखबारों के पहले पन्ने पर छपी है. अब इस मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने बुधवार को कहा कि भारत सरकार और अमेरिकी प्रशासन के बीच इस मुद्दे पर खुली बातचीत हुई है. जयशंकर ने कहा कि ट्रंप जो कर रहे हैं, वह अपेक्षित था, क्योंकि उन्होंने इस साल जनवरी में अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही ऐसा करने का वादा किया था.

लंदन में चैथम हाउस में एक चर्चा सत्र के दौरान जयशंकर ने कहा, ‘यह दिलचस्प है… इसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है. अगर आपने इसे ट्रैक किया हो, तो यह साफ था कि ऐसा होगा. आमतौर पर, राजनीतिक नेता वही करते हैं जो वे वादा करते हैं. जो हो रहा है, वह पहले से अपेक्षित था… मैं थोड़ा हैरान हूं कि लोग हैरान हो रहे हैं.’

जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिकी नीतियां भारत के लिए लाभकारी हैं, तो जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच कोई बड़ी राजनीतिक समस्या नहीं रही है.

उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री वाशिंगटन डीसी में थे. हम देखते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप बहुध्रुवीयता को समर्थन देते हैं. 1945 के बाद से, अगर हम अपने संबंधों को देखें, तो हाल के वर्षों में किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भारत को कोई समस्या नहीं हुई है. हमारे पास कोई पुराना राजनीतिक विवाद नहीं है.”

जयशंकर ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन क्वाड (QUAD) को मजबूत करने के पक्ष में है और अमेरिका भारत के लिए तकनीकी और व्यापारिक दृष्टिकोण से कई अवसर उपलब्ध करा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘ट्रंप ने ऊर्जा की कीमतों को स्थिर बनाए रखा. वह टेक्नोलॉजी और विकास को प्राथमिकता देते हैं, जो भारत के लिए लाभकारी है. वह कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए भी खुले हैं, जिसमें भारत की गहरी रुचि है. हां, उनके पास व्यापार को लेकर एक निश्चित दृष्टिकोण है. हमने इस पर खुली बातचीत की और नतीजा यह रहा कि हम दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए. हमारे व्यापार मंत्री इस पर अमेरिका में चर्चा कर रहे हैं.’

ट्रंप ने भारत पर टैरिफ की क्यों दी धमकी?
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए भारत, चीन और अन्य देशों के खिलाफ पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जो देश अपने उत्पाद अमेरिका में नहीं बनाते, उन्हें टैरिफ देना होगा. उन्होंने कहा, ‘जो भी हमें टैरिफ लगाएगा, हम भी उन पर वही टैरिफ लगाएंगे. जो भी हमें टैक्स लगाएगा, हम भी उन्हें उतना ही टैक्स लगाएंगे.’

ट्रंप ने कहा कि यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील और भारत अमेरिका पर अधिक टैरिफ लगाते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘भारत ऑटोमोबाइल पर 100% टैरिफ लगाता है, यह पूरी तरह से अनुचित है.’

इस नई नीति के चलते, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है. हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि वह व्यापार वार्ता के लिए तैयार है और पारस्परिक रूप से लाभकारी समाधान तलाशना चाहता है. अब देखना यह होगा कि अमेरिका की तरफ से लगाए जाने इस संभावित टैरिफ के जवाब में भारत क्या कदम उठाता है.

VISHAL LEEL

Sr Media person & Digital creator, Editor, Anchor

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