नरसिंहगढ में हम हैं बदलाव” के सन्देश के साथ वन अभ्यारण में अनुभूति शिविरों की हुई शुरुआत
राजगढ़ क्षेत्र के विद्यार्थियों ने लिया शिविर में भाग
राजू बैरागी 9977480626
मध्य प्रदेश वन विभाग एवं इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में वर्ष 2016-17 से प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहे स्कूली बच्चों के जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर अनुभूति के इस सत्र का आयोजन 21 दिसंबर से वन्य प्राणी अभयारण्य नरसिंहगढ़ में प्रारंभ हुआ है। जिसमें की 21 दिसंबर को राजगढ़ के सी. एम. राइज एवं कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 127 स्कूली विद्यार्थियों सहित शिक्षकों ने भाग लिया, वहीं 23 दिसंबर को आयोजित किए गए अनुभूति शिवि र में खिलचीपुर के शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल एवं शासकीय मॉडल स्कूल के 126 विद्यार्थियों सहित शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ ने भाग लिया ।
कार्यक्रम की शुरुआत अनुभूति कार्यक्रम के मास्टर ट्रैनर भगवती शरण शर्मा द्वारा चिड़ीखोह झील के पास लगाई गई जंगल की पाठशाला में उपस्थित विद्यार्थियों को अनुभूति शिविरों का महत्व एवं उद्देश्य समझाकर पक्षी दर्शन करवा कर किया उन्होंने बताया कि पूरे मध्य प्रदेश में 473 वन परिक्षेत्रों में 946 शिवरों के माध्यम से इस वर्ष 119000 से भी अधिक स्कूली विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा । साथ ही उन्होंने जानकारी दी की चिड़िखोह वन्य प्राणी अभ्यारण्य 57 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है और पूरे मध्य प्रदेश में इस तरह के 24 वन प्राणी अभयारण्य मौजूद हैं, जो कि 1972 में बनाए गए वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के बाद अस्तित्व में आये हैं । आयोजन की इस वर्ष की थीम “हम हैं बदलाव” की विषय मे बताते हुए विद्यार्थियों से प्रो प्लानेट पीपल एवं मिशन लाइफ के सिद्धांतों को जीवन मे अपनाने की बात कही एवं कहा कि जो बदलाव आप समाज या अपने पर्यावरण में देखना चाहते हैं उसकी शुरुआत हमे स्वयं से ही करना होगी ।जिसे सभी विद्यार्थियों ने एक सुर में स्वीकार किया।
इसके पश्चात सभी विद्यार्थियों को अभ्यारण्य के कोर एरिया से नेचर ट्रेल पर भ्रमण हेतु ले जाया गया । 2.5 किलोमीटर लंबे प्रकृति पथ पर विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के वृक्षों, औषधीय पौधों, ऐतिहासिक महत्व के चिन्ह/शिकारगाह, जलीय संरचनाएं, वन्यजीवों की उपस्थिति के चिन्ह, जिनमें की पग मार्क, स्क्रैप मार्क, खरोच, लोटन, विष्ठा आदि के सम्बन्ध में विस्तार से प्रायोगिक और रोचक जानकारी प्राप्त की एवं अभ्यारण्य में विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों की उपस्थिति को अनुभूत किया ।कार्यक्रम के दूसरे सत्र में भोजन उपरांत विद्यार्थियों को सांप हमारे मित्र, अभ्यारण में पाए जाने वाले अन्य सरीसृप, पैंगोलिन, पामसिवेट, जंगली सूअर, हिरण और मृग में अंतर, मगरमच्छ और घड़ियाल, प्रवासी पक्षी, संकटापन्न पक्षी गिद्ध, गौरैया सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी मास्टर ट्रेन भगवती शरण शर्मा द्वारा दी गई।
वन अमले का परिचय वन मंडल अधिकारी बैनी प्रसाद दौतानिया द्वारा विद्यार्थियों को करवाया गया साथ ही वन विभाग द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न गतिविधियों एवं अलग-अलग विभागों की जानकारी भी बहुत ही विस्तार पूर्वक विद्यार्थियों को DFO द्वारा उपलब्ध कराई गई। इसके पूरे दिन में कार्रवाई गयी गतिविधियों पर आधारित त्वरित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन तीन अलग अलग चरणों मे कर 9 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया ।साथ ही कार्यक्रम में “मैं भी बाघ” थीम सॉन्ग का भी बहुत ही सुंदर प्रस्तुतीकरण विद्यार्थियों द्वारा किया गयाका कार्यक्रम का समापन पर्यावरण रक्षा की शपथ एवं सामूहिक फोटो के साथ हुआ। आयोजन में अभ्यारण्य अधीक्षक दिनेश यादव, राजगढ़ एवं नरसिंहगढ़ के क्रमशः वन परिक्षेत्र अधिकारी एस. एस. चौहान, गौरव गुप्ता सहित राजगढ़ वन मंडल के अन्य कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा ।