शेयर बाजार लाल निशान में बंद,8वें दिन भी बाजार में हाहाकार जारी,400 लाख करोड़ के स्तर से फिसला मार्केट कैप..
शेयर बाजार में शुक्रवार (14 फरवरी) को लगातार आठवें दिन गिरावट दर्ज की गई, जिससे बाजार पूंजीकरण (Mcap) 400 लाख करोड़ रुपए के स्तर से नीचे चला गया। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप गिरकर 3,99,74,912 करोड़ रुपए पर आ गया..

शेयर बाजार लगातार आठवें दिन लाल निशान पर बंद हुआ। बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन भी शुरुआती बढ़त गंवाकर टूट गए। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 199.76 (0.26%) टूटकर 75,939.21 पर बंद हुआ। दूसरी ओर, 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी भी 102.16 (0.44%) अंक गिर गया और 22,929.25 पर बंद हुआ। अदाणी पोर्ट्स और बीईएल के शेयर 4% तक टूट गए।
दूसरी ओर, मुद्रा बाजार की बात करें तो डॉलर में नरमी के बीच शुक्रवार को रुपया 12 पैसे बढ़कर 86.81 (अनंतिम) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा घरेलू इक्विटी की लगातार बिकवाली ने स्थानीय मुद्रा में तीव्र बढ़त को रोक दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार द्वारा 1 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ लागू करने की घोषणा के बाद डॉलर की आक्रामक दौड़ रुक गई, जिससे उसके व्यापारिक साझेदारों को कुछ राहत मिली।भारत के घरेलू बेंचमार्क सूचकांक हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुए. सेंसेक्स कारोबार के अंत में 199.76 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,939.21 पर बंद हुआ और निफ्टी 102.15 अंक या 0.44 प्रतिशत फिसलने के बाद 22,929.25 पर बंद हुआ.
निफ्टी बैंक 260.40 अंक या 0.53 प्रतिशत की गिरावट के बाद 49,099.45 पर बंद हुआ. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स पर भारी दबाव रहा.
कारोबार के अंत में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,227.05 अंक या 2.41 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के बाद 49,654.15 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 566.65 अंक या 3.55 प्रतिशत गिरने के बाद 15,407.20 पर बंद हुआ.
कैपिटल माइंड रिसर्च के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट, कृष्णा अप्पाला ने कहा, “पिछले हफ्ते भारतीय इक्विटी बाजारों में सभी सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई है. 5 फरवरी, 2025 से निफ्टी 50 इंडेक्स में लगभग 4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो अब सितंबर 2024 से अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से लगभग 13 प्रतिशत नीचे है. व्यापक बाजार में भी काफी दबाव देखा गया है.”
उन्होंने आगे कहा कि स्मॉलकैप इंडेक्स ने मंदी के दौर में प्रवेश किया है, जो दिसंबर 2024 के अपने शिखर से 20 प्रतिशत से ज़्यादा नीचे कारोबार कर रहा है. ये गिरावट अमेरिकी टैरिफ नीतियों और धीमी होती कॉर्पोरेट आय को लेकर चिंताओं से उपजी है, जिसके कारण व्यापक रूप से बिकवाली हुई है. खासकर स्मॉल-कैप शेयरों में भारी बिकवाली हुई.
एलकेपी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक दे ने कहा, “निफ्टी पर मंदी का दौर जारी है, कुछ दिनों तक इस स्तर से ऊपर रहने के बाद यह 23,000 से नीचे बंद हुआ. सेंटीमेंट कमजोर बना हुआ है, भले ही सूचकांक अपने निचले स्तर से 155 अंक नीचे बंद होने में कामयाब रहा, क्योंकि यह क्रिटिकल शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार करना जारी रखता है. 22,800 से निर्णायक गिरावट बाजार में और अधिक घबराहट पैदा कर सकती है. उच्च स्तर पर, 23,100 तत्काल प्रतिरोध प्रतीत होता है, जिसके ऊपर बाजार को कुछ राहत मिल सकती है.”
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 681 शेयर हरे निशान और 3,320 शेयर लाल निशान में बंद हुए, जबकि 82 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
सेंसेक्स पैक में सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, टाटा स्टील, एमएंडएम, एलएंडटी, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, जोमैटो और एसबीआई टॉप लूजर्स रहे. वहीं, नेस्ले इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टीसीएस और आईटीसी टॉप गेनर्स रहे.
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 13 फरवरी को लगातार सातवें दिन इक्विटी बेचना जारी रखा, जिसमें 2,789.91 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची गई, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 2,934.50 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी.
भारतीय शेयर बाजार में तेज बिकवाली के चलते 14 महीने में पहली बार बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन 4 ट्रिलियन डॉलर के नीचे जा फिसला है. डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी कमजोरी और शेयर बाजार में बिकवाली के चलते मार्केट कैप में ये गिरावट आई है. भारतीय शेयर बाजार का मार्केट कैप घटकर 3.99 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया है जो कि 4 दिसंबर 2023 के बाद सबसे कम है. दिसंबर 2023 में भारतीय शेयर बाजार का मार्केट कैप 5.14 ट्रिलियन के लेवल पर जा पहुंचा था. यानी इस लेवल से मार्केट कैप में 1 ट्रिलियन डॉलर का सेंध लग चुका है.
सितंबर 2024 के आखिरी हफ्ते से भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से जारी बिकवाली के चलते तेज गिरावट देखी जा रही है. विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से अपना पैसा वापस निकाल रहे हैं. इस लेवल से सेंसेक्स में 12 फीसदी की गिरावट आ चुकी है तो निफ्टी 13 फीसदी गिर चुका है. निफ्टी 26000 के लेवल से 23000 के नीचे तो सेंसेक्स 86000 के लेवल से 76000 के नीचे फिसल चुका है. निफ्टी मिडकैप इँडेक्स 60000 से गिरकर 50000 के नीचे आ चुका है. इस तेज गिरावट के बीच डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी कोढ़ में खाज का काम कर रही है. 2025 में डॉलर के मुकाबले रुपया 1.5 फीसदी गिर चुका है.
आज के सत्र में भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट देखी जा रही है. सेंसेक्स 423 और निफ्टी 160 अंक गिरकर 75700 और 22867 के लेवल पर ट्रेड कर रहा है. निफ्टी का मिडकैप इँडेक्स 1150 अँक नीचे जा लुढ़का है. स्मॉल कैप इंडेक्स में 500 अंकों के करीब गिरावट देखी जा रही है. पिछले पांच महीने से लगातार जारी गिरावट के बाद कई स्टॉक्स के रेट आधे हो चुके हैं. इसी के चलते भारतीय बाजार के मार्केट कैप में तेज गिरावट देखने को मिली है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बाजारों से 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश वापस निकाल चुके हैं जिससे बाजार पर दबाव है.
पिछले साल 8 अप्रैल को बाजार ने बनाया था नया कीर्तिमान
भारतीय शेयर बाजार ने 8 अप्रैल, 2024 को नया कीर्तिमान बनाया था। इस दिन भारतीय स्टॉक मार्केट का मार्केट कैप (Mcap) पहली बार 400 लाख करोड़ के पार पहुंचा था। पुराने आंकड़ों पर नजर डालें तो पांच जुलाई, 2024 को भारतीय स्टॉक मार्केट का मार्केट कैप 300 लाख करोड़ रुपए पहुंचा था।
वहीं साल 2007 में भारत का मार्केट कैप 50 लाख करोड़ पहुंचा था जबकि 2014 में यह पहली बार 100 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचा था। इसमें 200 लाख करोड़ रुपए का स्तर फरवरी 2021 में छुआ था।
पिछले 8 ट्रेडिंग सेशन में 28 लाख करोड़ घटा एमकैप
घरेलू शेयर बाजारों में पिछले आठ ट्रेडिंग सेशन से जारी गिरावट की वजह से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप 400 लाख करोड़ रुपए से निचे फिसल गया। पिछेल आठ ट्रेडिंग सेशन में इसमें 28 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट आई है।
बीएसई की वेबसाइट के अनुसार, बाजार का मार्केट कैप 5 फरवरी को 428,03,611 करोड़ रुपए था। शुक्रवार को यह घटकर 3,99,74,912 (अस्थायी) पर आ गया। इस तरह पिछले आठ ट्रेडिंग सेशन में इसमें 28,28,699 करोड़ रुपए की गिरावट आई है।
8 दिन में 428 लाख करोड़ से 399 करोड़ पर पंहुचा मार्केट कैप
भारतीय शेयर बाजार का मार्केट कैप पिछले बुधवार को 42,803,611 करोड़ रुपए था। जबकि गुरुवार को यह घटकर 42,580,986 करोड़ रुपए पर, शुक्रवार को 42,478,048 करोड़ रुपए पर, सोमवार को 41,856,905 करोड़ रुपए, मंगलवार को 40,926,436 करोड़ रुपए, बुधवार को 40,823,480 करोड़ रुपए और गुरुवार को घटकर 40,804,909 करोड़ रुपए रह गया था। शुक्रवार को बाजार में ताजा गिरावट के बाद यह 3,99,74,912 करोड़ रुपए आ गया।
शेयर बाजार में गिरावट के कारण
ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने मूड किया खराब
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत सभी देशों पर ‘रेसिप्रोकल टैक्स’ यानी ‘जैसे को तैसा’ टैक्स लगाने की अपनी नीति को दोहराया, जिसने आज पूरे ग्लोबल मार्केट के माहौल को खराब करने में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने कहा, ‘भारत हमारे सामानों पर जो भी टैक्स लगाएगा, हम भी उस पर उतना ही टैक्स लगाएंगे।’ हालांकि इस बीच मोदी और ट्रंप के बीच भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाने पर सहमति जताई है। हालांकि अभी इस समझौते से जुड़े ज्यादा जानकारियां सामने नहीं आई हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैरिफ स्ट्रक्चर को लेकर अनिश्चितताएं निवेशकों के भरोसे को कम कर सकती है।
विदेशी निवेशकों की नहीं थमती बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार में अपनी बिकवाली जारी रखी है और इस महीने अब तक करीब 19,077 करोड़ रुपए निकाल चुके हैं। इससे पहले जनवरी में भी उन्होंने भारतीय बाजार से 78,027 करोड़ रुपए की निकासी की थी। मार्केट एकपर्ट्स का कहना है कि भारतीय करेंसी में जारी कमजोरी और ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितताओं ने इस निकासी को बढ़ावा दिया है। FIIs ने गुरुवार को भी शुद्ध रूप से 2,789.91 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।
Q3 के कमजोर नतीजों ने मनोबल पर डाला असर
तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजों ने शेयर बाजार के मनोबल को और भी कमजोर कर दिया है। नैटको फार्मा, सेन्को गोल्ड और दीपक नाइट्राइट जैसी कंपनियों के शेयरों में आज 14 फरवरी को कमजोर नतीजों के चलते भारी बिकवाली देखने को मिली। FMCGs कंपनियों पर भी वॉल्यूम का दबाव देखा जा रहा है, जो सुस्त कंज्यूमर्स मांग को दिखाता है।
टेक्निकल एनालिस्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट आनंद जेम्स के मुताबिक, निफ्टी को 23,220 पर रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा, जहां से पिछले सेशन में गिरावट देखने को मिला। जेम्स ने कहा, ‘निफ्टी के लिए 23,430 का अपसाइड लक्ष्य बरकरार है लेकिन अगल इंडेक्स 23,220 से ऊपर बने रहने में विफल रहता है या 23,000 से नीचे फिसलता है, तो इसका मोमेंटम कमजोर हो सकता है। 22,800 से नीचे टूटने पर इस ट्रेंड के दोबारा आकलन करने की जरूरत होगी।’