अमेरिका से अवैध भारतीय अप्रवासियों लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचा विमान, 104 अवैध भारतीय प्रवासी लौटे भारत, 13 बच्चे, 79 पुरुष और 25 महिलाएं.. पहले और अब के नियम में क्या अंतर?
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. भारत से 104 अवैध अप्रवासियों को C-17 विमान से भारत भेजा गया. ये विमान अब पंजाब के अमृतसर में उतर चुका है.
अमृतसरः अमेरिका से निर्वासित किए गए करीब 104 भारतीयों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान के बुधवार यानी आज दोपहर बाद पंजाब के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की संभावना है। इससे पहले विमान के सुबह उतरने की उम्मीद थी। अभी तक विमान में सवार लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। खबरों के अनुसार अमेरिका के सैन्य विमान सी-17 में पंजाब और पड़ोसी राज्यों के 104 अवैध अप्रवासी हैं।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार प्रवासियों की अगवानी करेगी और हवाई अड्डे पर काउंटर स्थापित करेगी। पंजाब के अनिवासी भारतीय (एनआरआई) मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने मंगलवार को अमेरिकी सरकार के फैसले पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन लोगों को निर्वासित करने के बजाय स्थायी निवास प्रदान किया जाना चाहिए था जिन्होंने उस देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि कई भारतीय ‘वर्क परमिट’ पर अमेरिका में प्रवेश करते हैं और वह बाद जब इसकी अवधि समाप्त हो जाती है तो वे अवैध प्रवासी बन जाते हैं। मंत्री ने कहा कि अमेरिका में रहने वाले पंजाबियों की चिंताओं और हितों पर चर्चा करने के लिए उनका अगले सप्ताह विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलने की योजना है।
अवैध प्रवासी भारतीय नागरिकों को लेकर अमेरिका का मिलिट्री विमान आ गया है. ये विमान पंजाब के अमृतसर में गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ है. अमेरिकी सैन्य विमान C-17 में 13 बच्चों समेत 104 अवैध अप्रवासी सवार थे. इनमें 79 पुरुष और 25 महिलाएं हैं.
जानकारी के मुताबिक, विमान में पंजाब से 30, हरियाणा से 33, गुजरात से 33, महाराष्ट्र से 3, यूपी से 3 और चंडीगढ़ से 2 नागरिक हैं.
अमेरिका से भारतीयों का ये पहला निर्वासन
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और उन्हें वापस भेजा जा रहा है. ये अमेरिका में रह रहे भारतीयों का पहला निर्वासन है.
इससे पहले अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ने सैन एंटोनियो, टेक्सास से उड़ान भरी थी. आज यह विमान दोपहर 1.59 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा. भारतीय नागरिकों को लेने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे. अमेरिकी दूतावास का एक प्रतिनिधि भी हवाई अड्डे पर मौजूद रहा.
सूत्रों के अनुसार, वापस भेजे गए अधिकांश लोगों को अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर पर पकड़ा गया है. हालांकि, यह लोग भारत में अपराधी नहीं हैं. इन लोगों ने देश छोड़ने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया. हालांकि, आरोप है कि उन्होंने अवैध डंकी रूट के जरिए अमेरिका में एंट्री करने की कोशिश की.
विमान में सवार होकर आए 104 लोग
चूंकि, गिरफ्तारी का कोई आधार भी नहीं है, क्योंकि उन्होंने भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं किया है. सूत्रों ने बताया कि यदि इन लोगों के पासपोर्ट उपलब्ध नहीं है तो बायोमेट्रिक्स के जरिए पहचान की जा सकती है. इससे पहले रिपोर्टों में कहा गया था कि सैन्य विमान में लगभग 200 भारतीय सवार हैं, लेकिन बाद में पुष्टि हुई कि विमान में सिर्फ 104 लोग ही सवार हैं.
मंगलवार को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव का कहना था कि राज्य सरकार प्रवासियों का स्वागत करेगी और हवाई अड्डे पर काउंटर स्थापित करेगी.
राज्य के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा, वो इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे. वो अप्रवासियों को वापस भेजने के अमेरिकी सरकार के फैसले से निराश हैं. धालीवाल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले इन लोगों को निर्वासित करने के बजाय स्थायी निवास दिया जाना चाहिए था.
उन्होंने यह भी दावा किया कि कई भारतीय वर्क परमिट पर अमेरिका पहुंचे, लेकिन उनकी अवधि समाप्त होने के कारण वे अवैध अप्रवासी बन गए.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी एजेंसियों को अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक्शन पर लगा दिया है। इसी क्रम में अमेरिका ने मिलिट्री प्लेन C-17 में अवैध भारतीय प्रवासियों को भरकर भारत भेज दिया है।
इससे पहले अमेरिका ने अवैध प्रवासियों को मिलिट्री प्लेन में भरकर पेरु, होंडूरास और ग्वाटेमाला भेजा था। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है। देशभर में अवैध प्रवासियों की धरपकड़ के लिए ट्रंप ने सेना की मदद ली है। लिहाजा प्रवासियों को जगह-जगह से अरेस्ट कर उनको स्वदेश भेजा जा रहा है।
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अमेरिका के इन शहरों में सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी
एक एजेंसी के मुताबिक, अमेरिका में अल सल्वाडोर के 7.5 लाख, भारत के 7.25 लाख, ग्वाटेमाला के 6.75 लाख और होंडूरास के 5.25 लाख अवैध प्रवासी रहते हैं। अमेरिका में फ्लोरिडा, टेक्सॉस, न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, मैसाच्युएट्स , मैरीलैंड और कैलिफोर्नियां ऐसे शहर हैं, जहां सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी रह रहे हैं।
अमेरिका में नजर में अवैध प्रवासी कौन?
अमेरिका के लिए ऐसे लोग अवैध प्रवासी हैं, जो अमेरिकी वीजा या इमिग्रेशन नियमों का उल्लंघन कर देश में रह रहे हैं। ऐसे नागरिकों को अनडॉक्यूमेंटेड इमिग्रेंट्स भी कहा जाता है। ऐसे प्रवासी आमतौर पर इन कैटेगरी में शामिल किए जाते हैं।
अवैध रूप से घुसपैठ
ऐसे लोग जो आधिकारिक बॉर्डर चेक पॉइंट्स से बिना परमिशन के अमेरिका में घुसपैठ करते हैं, अवैध अप्रवासी कहलाते हैं। यह आमतौर पर मैक्सिको या कनाडा से जमीनी मार्ग द्वारा या समुद्री रास्तों से अवैध रूप से घुसते हैं।
पैरोल उल्लंघन
कुल लोगों को पैरोल दी जाती है, लेकिन जब उनकी पैरोल अवधि समाप्त हो जाती है और वे लौटकर नहीं आते तो उन्हें भी अवैध प्रवासी माना जाता है।
वीजा ओवरस्टे
जो लोग वैध वीजा पर अमेरिका आते हैं, लेकिन तय अवधि के बाद भी वहीं पर रुके रहते हैं, उन्हें भी अमेरिका अवैध प्रवासियों की कैटेगरी में रखता है। हाल के वर्षों में अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या में वीजा ओवरस्टे वाले व्यक्तियों का बड़ा योगदान रहा है।
कानूनी स्थिति का समाप्त होना
ऐसे व्यक्ति जिनके पास कभी अमेरिका में रहने के लिए कानूनी अधिकार था, लेकिन बाद में यह अधिकार खत्म हो गया या फिर उनका लीगल स्टेटस खत्म हो गया। वे भी अवैध प्रवासी माने जाते हैं। जैसे ग्रीन कार्ड का नवीनीकरण न कराना, अमेरिकी नागरिक जीवनसाथी से तलाक होने के बाद संबंधी कानूनी स्थितियां।
अवैध प्रवासियों को लेकर पुराने और नए कानूनों में बदलाव
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को लेकर नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। अवैध प्रवासियों के प्रति पहले की नीतियां उदार थीं, जिसमें कुछ हद तक सहानुभूति थी, हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान इन नीतियों में कठोरता आई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अवैध प्रवास को रोकने के लिए राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने और सैन्य बलों का उपयोग करने की योजना की घोषणा की है।
उनकी प्राथमिकता उन 4,25,000 अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की है, जिनके खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड मिले हैं। इसके अतिरिक्त उन 1.4 मिलियन लोगों को भी निशाना बनाया जाएगा, जिनके खिलाफ पहले से ही निर्वासन आदेश जारी किए जा चुके हैं। ट्रंप प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो शहर अवैध प्रवासियों को शरण देते हैं, उन्हें भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
जीरो टॉलरेंस पॉलिसी
अवैध प्रवासियों को लेकर ट्रंप जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रहे हैं, वह ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठा रहे हैं। ट्रंप ने अपने पिछले शासन में भी अवैध प्रवासियों से जुड़े कई मामलों में माता-पिता और बच्चों को अलग करने की नीति लागू की थी, जबकि बाइडेन ने जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को खत्म किया था।
DACA पर बैन
डोनाल्ड ट्रंप DACA (डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स) के खिलाफ हैं, इससे लाखों अप्रवासी युवाओं का भविष्य अंधकार में हो गया, जबकि बाइडेन ने ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया था। ट्रंप मुस्लिम देशों पर बैन के पक्षधर हैं, जबकि बाइडेन बैन हटाने के पक्षधर थे। वहीं ट्रंप शरण नीति को लेकर सख्त हैं, उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में ‘रिमेन इन मैक्सिको’ पॉलिसी लागू की थी, जबकि बाइडेन ने इस नीति को रद्द कर दिया था।
100+ भारतीयों को भेजा भारत
अमेरिका ने मिलिट्री प्लेन C-17 में अवैध भारतीय प्रवासियों को भारत भेज दिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका ने ‘पेपरलेस’ यानी बिना कागज वाले भारतीयों के खिलाफ भी एक्शन शुरू कर दिया है।
पंजाब और गुजरात के लोग सबसे ज्यादा
पंजाब और गुजरात ऐसे राज्य हैं, जहां से बड़ी संख्या में लोग अमेरिका में प्रवास करते हैं। रोजगार के बेहतर अवसर और उच्च जीवन स्तर की उम्मीद में कई लोग किसी भी तरह अमेरिका पहुंचने की कोशिश करते हैं। इनमें से कुछ गलत तरीकों का सहारा लेते हैं। खासकर मैक्सिको सीमा के जरिए अवैध रूप से प्रवेश करने का प्रयास करते हैं। भारत में सक्रिय मानव तस्करी नेटवर्क लोगों को बड़ी रकम लेकर अमेरिका भेजने का झांसा देते हैं, जिससे कई बार वे जोखिम भरी परिस्थितियों में फंस जाते हैं।