नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ क्यों मची? सीसीटीवी फुटेज सच आएगा सामने, जांच शुरू
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ ने कुरेदे पुराने दर्द, जानें कब-कब हुए ऐसे हादसे?

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना की रविवार को जांच शुरू कर दी जिसके तहत CCTV फुटेज का विश्लेषण कर यह पता लगाया जाएगा कि अफरातफरी क्यों मची। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी टीम मृतकों के परिजनों को सूचित कर रही हैं। हमने जांच पहले ही शुरू कर दी है।’’
सारा डेटा इकट्ठा करेगी पुलिस
पुलिस के एक सूत्र ने कहा, ‘‘हमारा मुख्य लक्ष्य भगदड़ के मुख्य कारण का पता लगाना है। हम सीसीटीवी फुटेज और उस दौरान की गई घोषणाओं का सारा डेटा एकत्र करेंगे।’’ नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात भगदड़ मचने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई।
हादसे में इन लोगों की हुई मौत
मृतकों की पहचान आशा देवी (79), पिंकी देवी (41), शीला देवी (50), व्योम (25), पूनम देवी (40), ललिता देवी (35), सुरुचि (11), कृष्णा देवी (40), विजय साह (15), नीरज (12), शांति देवी (40), पूजा कुमारी (आठ), संगीता मलिक (34), पूनम (34), ममता झा (40), रिया सिंह (सात), बेबी कुमारी (24) और मनोज (47) के रूप में हुई है।
सीढ़ियों पर फिसलकर गिर पड़े लोग
उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 14 पर खड़ी थी और नयी दिल्ली-जम्मू उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 15 पर खड़ी थी। उन्होंने भगदड़ का कारण बताते हुए कहा, ‘‘कुछ लोग ‘फुटओवर ब्रिज’ से प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 की ओर सीढ़ियों से उतर रहे थे, तभी वे फिसलकर अन्य लोगों पर गिर गए।’’ सूत्रों ने बताया कि रेलगाड़ियों के विलंब से चलने तथा हर घंटे 1,500 ‘जनरल’ (सामान्य) टिकट की बिक्री के कारण नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई।
स्टेशन पर कुली के रूप में काम करने वाले कृष्ण कुमार जोगी ने बताया कि जब प्रयागराज जाने वाली ट्रेन स्टेशन पर पहुंची तो भीड़ अचानक बढ़ गई. उन्होंने कहा, ‘पुल (फुटओवर ब्रिज) पर भारी भीड़ जमा हो गई. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई लोगों का दम घुटने लगा. करीब 10 से 15 लोगों की जान वहीं चली गई.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने पूरी घटना अपनी आंखों से देखी. हमने प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 से शवों को एंबुलेंस तक पहुंचाया.’
अन्य कुली बलराम ने घटना के संबंध में कहा, ‘हमने शवों को उन्हीं हाथगाड़ियों पर ढोया, जिनका उपयोग हम सामान उठाने के लिए करते हैं. मैं 15 साल से कुली हूं, लेकिन इतनी भारी भीड़ मैंने पहले कभी नहीं देखी.’ एक अन्य कुली ने बताया कि शनिवार रात करीब 9:30 बजे जब प्रयागराज जाने वाली ट्रेन स्टेशन पर पहुंची तो भीड़ अचानक बढ़ गई. उन्होंने कहा, ‘लोगों की चप्पलें, जूते और अन्य सामान बिखरा हुआ था. हमने कई बच्चों और बुजुर्गों को भीड़ से बाहर निकाला.’
इस भगदड़ के कारणों पर उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने रविवार को कहा, ‘फुटओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 की ओर उतरते समय कुछ लोग फिसल गये और अन्य लोगों के ऊपर गिर गए.’ अधिकारियों ने बताया कि महाकुंभ के कारण प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी जिससे यह भगदड़ मची.
रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. रेलवे के अनुसार, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को एक लाख रुपये दिए जाएंगे.
शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 4 बच्चों समेत 18 लोगों की मौत हो गई और 10 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि ये हादसा पहला हादसा नहीं है, इससे पहले भी कई बार भगदड़ के कारण लोगों की जानें जा चुकी हैं। वहीं इस हादसे ने एक बार फिर पुराने जख्मों को कुरेदकर दर्दनाक हादसों की याद दिला दी। 1981 से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर काम कर रहे एक कुली ने उन सभी पुराने मंजरों की याद दिला दी लेकिन वहीं उन्होंने इस हादसे को अब तक का सबसे बड़ा हादसा बताया है।
उनका कहना है कि किसी भी हादसे में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत नहीं हुई और न ही इतनी बड़ी तादाद में लोग घायल हुए। कुली सुगन लाल मीणा ने बताया कि वो साल 1981 से कुली का काम कर रहे हैं लेकिन इससे ज्यादा भीड़ पहले कभी नहीं देखी। हालांकि इससे पहले तीन बार ऐसे हादसे देख चुका हूं लेकिन इससे ज्यादा संख्या में भीड़, मरने वाले और घायल लोगों को नहीं देखा।
साल 2012 में भगदड़ से दो लोगों की मौत
साल 2012 में बिहार जाने वाली ट्रेन का अचानक प्लेटफॉर्म बदलने के कारण भगदड़ मच गई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान एक 35 वर्षीय महिला और एक 14 वर्षीय लड़के की जान गई थी। बता दें कि इस हादसे के बाद तत्कालीन रेलवे अधिकारी ने बताया था कि विक्रमशिला एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से पांच मिनट देरी से आ रही थी। इस दौरान अचानक ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 12 की बजाय 13 से रवाना हुई। वहीं प्लेटफॉर्म नंबर 12 से चलने वाली ट्रेन 13 पर आ गई। आखिरी वक्त में अचानक से प्लेटफॉर्म संख्या बदलने से अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान भारी सामान लेकर सैकड़ों लोग एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर भागने लगे और इसमें दो लोगों की जान चली गई।
साल 2010 में भगदड़ से दो लोगों की मौत
साल 2010 में भी कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिला था। मई के महीने में भीषण गर्मी के बावजूद रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ थी। आखिरी समय में अचानक पटना जाने वाली ट्रेन का प्लेटफॉर्म नंबर बदल गया। इसके कारण नई दिल्ली रेलवे स्टटेशन पर भगदड़ मच गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 15 यात्री घायल हो गए थे। खबरों की मानें, तो दोपहर लगभग 2.50 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर आने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 12 पर आ गई। देखते ही देखते वहां भगदड़ की स्थिति हो गई। आखिरी मिनट में प्लेटफॉर्म संख्या बदलने के कारण लोग इधर से उधर भागने लगे और धक्का-मुक्की करने लगे, जिससे भगदड़ मची और दो लोगों की जान गई।
2004 में पांच महिलाओं की मौत
13 नवंबर साल 2004 में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी। इस दौरान लोग ट्रेन पकड़ने के लिए ओवरब्रिज पर दौड़ रहे थे और एक दूसरे पर गिर पड़े थे। इस भगदड़ में 5 महिलाओं की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस भगदड़ की वजह भी यही बताई गई थी कि अचानक से अंतिम समय में रेलवे प्लेटफॉर्म नंबर बदल दिया गया था।